Friday, September 15, 2017

Harna nahin


May I hold on to the good
May I not loose simple happiness
An Easy relating
May I not be caught in hardening ego
in Resentment, in meaningless chatter
inside my mind
or in this endless jungle of a world

पथभ्रष्ट न हूँ
कमज़ोर न हूँ
मन हल्का रहे , मन सीमित न हो
अपने निश्चय की क़ीमत बनी रहे

कुछ औकात हो
सुबह उठकर खुद को देखने का मन करे
लोग भी थोड़ा दरें
यह नहीं के कुछ भी कह के निकल जाएँ
पुरुषार्थ की शक्ति

शायद यूहीं पहाड़ बना लिया है
मज़े मज़े में इंसान बड़े काम कर जाता है
इतना विचार क्यों
यह विचार भी डर से ही निकल रहा है
नाकामी का ?

अब मन बना ही लिया है
तो मज़े में करो
जो छूट जाए समझो ज़रूरी नहीं था
जीवन से लड़ने में
जीना तो नहीं भूल सकते
जो है सब यहीं तो है


जागते रहो


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